परिभाषा शब्द की ( Paribhasha Shabd ki / Definition)
What is Shabd in Hindi?
भाषा की न्यूनतम इकाई वाक्य है और वाक्य की न्यूनतम इकाई शब्द है । वर्णों अथवा अक्षरों का ऐसा समूह जिसका कोई अर्थ हो, शब्द कहलाता है । जैसे – प् + उ + स् + त् + अ + क् + अ = पुस्तक ।
Shabd ke bhed / prakar in hindi. There are Two types of Shabd / Words Sarthak & Nirarthak. Shabd Samuh, Utpatti & Vyutpatti with Its meaning & example are described below :
शब्द दो प्रकार के होते हैं – सार्थक, निरर्थक ।
सार्थक वे शब्द हैं, जिनका कोई अर्थ होता है । जैसे – गाय, गाना, आदि ।
निरर्थक वे शब्द हैं, जिनका कोई अर्थ न हो । जैसे – दम-दम, धर-धर आदि ।
व्याकरण में निरर्थक शब्दों का कोई महत्व नहीं होता ।
शब्द समूह (Shabd Samuh) : प्रत्येक भाषा का अपना शब्द समूह होता है। इन शब्दों का प्रयोग भाषा के बोलने एवं लिखने में किया जाता है।
वर्ण विच्छेद (Varn Vichchhed) अर्थात शब्द के वर्णों को अलग-अलग करके लिखना । जैसे – पुस्तकालय – प् + उ + स् + त् + अ + क् + आ + ल् + अ + य् + अ
व्युत्पत्ति (Vyutpatti ) की दृष्टि से शब्दों के तीन भेद हैं
1. रूढ़ (Roon Shabd) - जिन शब्दों के खंडों का कोई अर्थ न हो, वे रूढ़ कहलाते हैं । जैसे – मेज़, कुर्सी, किताब, गाय, आदि । यदि इनके खंड किए जाएँ तो इन खंडों का कोई अर्थ नहीं होगा ।
2. यौगिक (Yaugik Shabd) - दो या दो से अधिक शब्दों शब्दांशों के योग से बने शब्द यौगिक कहलाते हैं । जैसे – वरमाला = वर + माला, दालरोटी = दाल + रोटी, विद्यालय = विद्या + आलय, सुपुत्र = सु + पुत्र ।
3. योगरूढ़ (YogRoon Shabd) - जो शब्द यौगिक होने पर भी किसी विशेष अर्थ को ही प्रकट करें । जैसे – नीरज = नीर + ज नीर का अर्थ है जल और ज – उत्पन्न अर्थात जल में उत्पन्न । जल में अनेक चीजें उत्पन्न होती हैं, पर नीरज ‘कमल’ के अर्थ में प्रयुक्त होता है ।
उत्पत्ति (Utpatti) की दृष्टि से शब्द चार प्रकार के होते हैं
तत्सम शब्द (Tatsam Shabd)- हिंदी में जो शब्द संस्कृत से ज्यों के त्यों ग्रहण कर लिए गए हैं तथा जिनमें कोई ध्वनि परिवर्तन नहीं हुआ है, तत्सम शब्द कहलाते हैं। जैसे राजा, बालक, लता आदि।
तद्भव शब्द (Tadbhav Shabd) - तद्भव का शाब्दिक अर्थ है तत + भव अर्थात उससे उत्पन्न। हिंदी में प्रयुक्त वह शब्दावली जो अनेक ध्वनि परिवर्तनों से गुज़रती हुई हिंदी में आई है, तद्भव शब्दावली है। जैसे आग, ऊँट, घोडा आदि।
उदाहरण: संस्कृत शब्द तद्भव शब्द
अग्नि आग
उष्ट्र ऊँट
घोटक घोड़ा
देशज शब्द (Deshaj Shabd) - ध्वन्यात्मक अनुकरण पर गढ़े हुए वे शब्द जिनकी व्युत्पत्ति किसी तत्सम शब्द से नहीं होती, इस वर्ग में आते हैं। हिंदी में प्रयुक्त कुछ देशज शब्द भोंपू , तेंदुआ, थोथा आदि।
विदेशी शब्द (Videshi Shabd) - दूसरी भाषाओं से आये हुए शब्द विदेशी शब्द कहे जाते हैं। हिंदी में विदेशी शब्द दो प्रकार के हैं:
- मुस्लिम शासन के प्रभाव से आये हुए
- अरबी फारसी शब्द
- ब्रिटिश शासन के प्रभाव से आये हुए अंग्रेजी शब्द
हिंदी भाषा में लगभग 2500 अरबी शब्द, 3500 फारसी शब्द और 3000 अंग्रेजी शब्द प्रयुक्त हो रहे हैं।
उदाहरण: अगर, पाजी, आदत, इनाम, नशा, अदा, तोप, तमगा, सराय, अफसर, कलेक्टर, कोट, मेयर, मादाम, पिकनिक, सूप आदि।
What is Shabd in Hindi?
भाषा की न्यूनतम इकाई वाक्य है और वाक्य की न्यूनतम इकाई शब्द है । वर्णों अथवा अक्षरों का ऐसा समूह जिसका कोई अर्थ हो, शब्द कहलाता है । जैसे – प् + उ + स् + त् + अ + क् + अ = पुस्तक ।
Shabd ke bhed / prakar in hindi. There are Two types of Shabd / Words Sarthak & Nirarthak. Shabd Samuh, Utpatti & Vyutpatti with Its meaning & example are described below :
शब्द दो प्रकार के होते हैं – सार्थक, निरर्थक ।
सार्थक वे शब्द हैं, जिनका कोई अर्थ होता है । जैसे – गाय, गाना, आदि ।
निरर्थक वे शब्द हैं, जिनका कोई अर्थ न हो । जैसे – दम-दम, धर-धर आदि ।
व्याकरण में निरर्थक शब्दों का कोई महत्व नहीं होता ।
शब्द समूह (Shabd Samuh) : प्रत्येक भाषा का अपना शब्द समूह होता है। इन शब्दों का प्रयोग भाषा के बोलने एवं लिखने में किया जाता है।
वर्ण विच्छेद (Varn Vichchhed) अर्थात शब्द के वर्णों को अलग-अलग करके लिखना । जैसे – पुस्तकालय – प् + उ + स् + त् + अ + क् + आ + ल् + अ + य् + अ
व्युत्पत्ति (Vyutpatti ) की दृष्टि से शब्दों के तीन भेद हैं
1. रूढ़ (Roon Shabd) - जिन शब्दों के खंडों का कोई अर्थ न हो, वे रूढ़ कहलाते हैं । जैसे – मेज़, कुर्सी, किताब, गाय, आदि । यदि इनके खंड किए जाएँ तो इन खंडों का कोई अर्थ नहीं होगा ।
2. यौगिक (Yaugik Shabd) - दो या दो से अधिक शब्दों शब्दांशों के योग से बने शब्द यौगिक कहलाते हैं । जैसे – वरमाला = वर + माला, दालरोटी = दाल + रोटी, विद्यालय = विद्या + आलय, सुपुत्र = सु + पुत्र ।
3. योगरूढ़ (YogRoon Shabd) - जो शब्द यौगिक होने पर भी किसी विशेष अर्थ को ही प्रकट करें । जैसे – नीरज = नीर + ज नीर का अर्थ है जल और ज – उत्पन्न अर्थात जल में उत्पन्न । जल में अनेक चीजें उत्पन्न होती हैं, पर नीरज ‘कमल’ के अर्थ में प्रयुक्त होता है ।
उत्पत्ति (Utpatti) की दृष्टि से शब्द चार प्रकार के होते हैं
तत्सम शब्द (Tatsam Shabd)- हिंदी में जो शब्द संस्कृत से ज्यों के त्यों ग्रहण कर लिए गए हैं तथा जिनमें कोई ध्वनि परिवर्तन नहीं हुआ है, तत्सम शब्द कहलाते हैं। जैसे राजा, बालक, लता आदि।
तद्भव शब्द (Tadbhav Shabd) - तद्भव का शाब्दिक अर्थ है तत + भव अर्थात उससे उत्पन्न। हिंदी में प्रयुक्त वह शब्दावली जो अनेक ध्वनि परिवर्तनों से गुज़रती हुई हिंदी में आई है, तद्भव शब्दावली है। जैसे आग, ऊँट, घोडा आदि।
उदाहरण: संस्कृत शब्द तद्भव शब्द
अग्नि आग
उष्ट्र ऊँट
घोटक घोड़ा
देशज शब्द (Deshaj Shabd) - ध्वन्यात्मक अनुकरण पर गढ़े हुए वे शब्द जिनकी व्युत्पत्ति किसी तत्सम शब्द से नहीं होती, इस वर्ग में आते हैं। हिंदी में प्रयुक्त कुछ देशज शब्द भोंपू , तेंदुआ, थोथा आदि।
विदेशी शब्द (Videshi Shabd) - दूसरी भाषाओं से आये हुए शब्द विदेशी शब्द कहे जाते हैं। हिंदी में विदेशी शब्द दो प्रकार के हैं:
- मुस्लिम शासन के प्रभाव से आये हुए
- अरबी फारसी शब्द
- ब्रिटिश शासन के प्रभाव से आये हुए अंग्रेजी शब्द
हिंदी भाषा में लगभग 2500 अरबी शब्द, 3500 फारसी शब्द और 3000 अंग्रेजी शब्द प्रयुक्त हो रहे हैं।
उदाहरण: अगर, पाजी, आदत, इनाम, नशा, अदा, तोप, तमगा, सराय, अफसर, कलेक्टर, कोट, मेयर, मादाम, पिकनिक, सूप आदि।
परिभाषा शब्द की ( Paribhasha Shabd ki / Definition)
Reviewed by Prashant Jain
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