आदर्श विद्यार्थी निबन्ध
(Aadarsh Vidhyaarthee – An ideal student Essay in Hindi)
Here is an Essay of The Ideal Student (Adarsh Vidyarthi per Nibandh) written with some easy lines in Hindi language and english meaning. Adarsh Chatra ke Gun, Vidyarthi ke Panch Lakshan etc.
आदर्श (ideal) विद्यार्थी वह है जो ज्ञान या विद्या की प्राप्ति को जीवन का पहला आदर्श मानता है।
विद्या मनुष्य को नम्र (Humble), सहनशील (Tolerant ) एवं गुणवान (Talented) बनाती है।
विद्या की प्राप्ति से ही छात्र आगे चलकर योग्य (Worthy) नागरिक (Citizen) बन पाता है।
आदर्श विद्यार्थी को अच्छी पुस्तकों से प्रेम होता है।
वह पुस्तक में बताई गई बातों को ध्यान में रखता है और अपने जीवन में उतार (Imbibes) लेता है।
वह अच्छे गुणों को अपनाता है और बुराइयों (Evils) से दूर रहता है।
उसके मित्र भी अच्छे सद्गुणों से युक्त होते हैं।
वह अपने गुरुजनों का सम्मान करता है।
वह अपने चरित्र (Character) को ऊंचा बनाने का प्रयास करता है।
वह अध्यापकों तथा अभिभावकों (Guardians) की उचित सलाह पर अमल (Acts) करता है।
आदर्श विद्यार्थी देश के भविष्य (Future) में सहायक साबित होते हैं।
वे देश की सेवा करते हैं और अपने देश व परिवार का नाम ऊंचा करते हैं।
आदर्श विद्यार्थी को सीधा और सच्चा होना चाहिए।
उसे परिश्रमी और लगनशील (Passionate) होना चाहिए।
उसे पढ़ाई के सिवा खेलकूद तथा अन्य क्रियाकलापों (Activities) में भी भाग लेना चाहिए।
Vidyarthi ke Five Lakshan as in Sanskrit (विद्यार्थी पंच लक्षणम्) :
काक चेस्टा - (कोए जैसी चेस्टा हो )
Kak cheshta - (Inquisitive Nature like a crow)
वको धयानम् - (बगुले जैसा ध्यान हो )
Vako Dhyanam - (Concentration of a swan)
स्वान निद्रा - (कुत्ते जैसी नींद हो )
Shwan Nidra - (Light Sleeper like a Dog)
अल्पाहारी - (कम खाने वाला हो )
Alpahari - (Light Eating Habit)
गृह त्यागी - (घर को त्यागने वाला हो )
Grihatyagi - (Don’t be Homely)
(Aadarsh Vidhyaarthee – An ideal student Essay in Hindi)
Here is an Essay of The Ideal Student (Adarsh Vidyarthi per Nibandh) written with some easy lines in Hindi language and english meaning. Adarsh Chatra ke Gun, Vidyarthi ke Panch Lakshan etc.
आदर्श (ideal) विद्यार्थी वह है जो ज्ञान या विद्या की प्राप्ति को जीवन का पहला आदर्श मानता है।
विद्या मनुष्य को नम्र (Humble), सहनशील (Tolerant ) एवं गुणवान (Talented) बनाती है।
विद्या की प्राप्ति से ही छात्र आगे चलकर योग्य (Worthy) नागरिक (Citizen) बन पाता है।
आदर्श विद्यार्थी को अच्छी पुस्तकों से प्रेम होता है।
वह पुस्तक में बताई गई बातों को ध्यान में रखता है और अपने जीवन में उतार (Imbibes) लेता है।
वह अच्छे गुणों को अपनाता है और बुराइयों (Evils) से दूर रहता है।
उसके मित्र भी अच्छे सद्गुणों से युक्त होते हैं।
वह अपने गुरुजनों का सम्मान करता है।
वह अपने चरित्र (Character) को ऊंचा बनाने का प्रयास करता है।
वह अध्यापकों तथा अभिभावकों (Guardians) की उचित सलाह पर अमल (Acts) करता है।
आदर्श विद्यार्थी देश के भविष्य (Future) में सहायक साबित होते हैं।
वे देश की सेवा करते हैं और अपने देश व परिवार का नाम ऊंचा करते हैं।
आदर्श विद्यार्थी को सीधा और सच्चा होना चाहिए।
उसे परिश्रमी और लगनशील (Passionate) होना चाहिए।
उसे पढ़ाई के सिवा खेलकूद तथा अन्य क्रियाकलापों (Activities) में भी भाग लेना चाहिए।
Vidyarthi ke Five Lakshan as in Sanskrit (विद्यार्थी पंच लक्षणम्) :
काक चेस्टा - (कोए जैसी चेस्टा हो )
Kak cheshta - (Inquisitive Nature like a crow)
वको धयानम् - (बगुले जैसा ध्यान हो )
Vako Dhyanam - (Concentration of a swan)
स्वान निद्रा - (कुत्ते जैसी नींद हो )
Shwan Nidra - (Light Sleeper like a Dog)
अल्पाहारी - (कम खाने वाला हो )
Alpahari - (Light Eating Habit)
गृह त्यागी - (घर को त्यागने वाला हो )
Grihatyagi - (Don’t be Homely)
आदर्श विद्यार्थी निबन्ध (Aadarsh Vidhyaarthee – An ideal student Essay in Hindi)
Reviewed by Prashant Jain
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